An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
Young children struggling from medical problems ought to be designed to either recite or pay attention to Shiva Chalisa. Moms and dads could also recite the Chalisa on their own little one’s behalf. Nevertheless, they ought to pronounce the child’s complete title, rasi (moon signal), and Nakshatra ahead of the Shiva Chalisa.
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥